"बेटा अपने बूढ़े बाप को अनाथआश्रम छोड़कर वापस जा रहा था तो उसकी बीवी ने फ़ोन किया और कहा "अपने बाप को ये भी कह दो कि त्यौहार पर भी घर आने की आवश्यकता नहीं, अब वहीं रहें और हमें शांति से जीने दें",
बेटा वापस मुड़ा और अनाथआश्रम गया तो देखा कि उसका बाप अनाथआश्रम के मैनेजर के साथ ख़ुश गप्पों में व्यस्त है और वो यूं बैठे थे जैसे बरसों से एक दूसरे को जानते हों।
बेटे ने पूछा "सर, आप मेरे पिता को किस त़रह़ और कब से जानते हैं?
उसने मुस्कराते हुए जवाब दिया, "जब ये अनाथालय से एक बच्चे को गोद लेने आए थे"
-:प्रेषक:-
💐💐आर्यन चिराम💐💐
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